गुनाह के लाल छीटो से एक बार फिर संस्कारधानी के लोग थर्रा उठे है ! दास्ताने-जुर्म की इबारत में हर दिन नया अध्याय जोड़ने वाले गुनाहगारो ने रविवार-सोमवार की रात जहां कोतवाली इलाके में रहने वाले तेंदुपत्ता व्यापारी जगदीश केडिया के घर में घुसकर खून की होली खेली वहीँ शाम होते-होते सिविल लाइन इलाके में एक व्यापारी के घर में जनगणना अधिकारी बनकर घुसे लूटेरों ने दहशतगर्दी का नंगा नाच नाचा ! गुनाहगारो के नापाक मंसूबो से आवाम की नीद हराम हो चुकी है वही पुलिस वारदात के बाद अपराधियों की परछाई खोजने में वक्त जाया कर रही है ! शहर में दुसरे प्रान्तों से आये दहशत गर्द बेख़ौफ़ घूम रहे है और क़ानून के रखवाले वाहन चेकिंग,मोबाइल चोरी,सट्टा,जुआ के मामलो को सुलझाकर अपने कर्तव्यो की इतिश्री समझ रही है !
गुनाह के खुनी पंजो की एक करतूत की खब़र सोमवार की सुबह कोतवाली पुलिस को लगती है ! पुलिस को बताया जाता है की बिहारी टाकिज के पास रहने वाले मशहूर तेंदुपत्ता व्यापारी जगदीश केडिया के घर में कुछ लोगो ने क़त्ल कर डकैती की कोशिश की है ! बड़े व्यापारी के घर में क़त्ल और डकैती की खब़र से खाकी के माथे पर परेशानी की सलवटो के बीच पसीना बहना शुरू हो जाता है ! आनन्-फानन में कोतवाल समेत कई थानों के पुलिस वाले मौका -ए -वारदात पर पहुँच जाते है,इधर एक के बाद एक अधिकारियों की आवाजाही से इलाके के लोग और राहगीर वारदात की गंभीरता से वाकिफ होने लगते है ! मौके पर तफ्तीश में जुटी पुलिस को घर में सबसे पहले एक बिस्तर नजर आता है जो खून के रंग से भीगा हुआ था ! बिस्तर और जमीन पर बिखरे खून से रंगे घर की बिल्ली के पग चिन्ह पुलिस को उस ठिकाने तक पहुंचा देते है जहां कातिलो ने क़त्ल के बाद लाश फेंक दी थी ! कातिलो ने घर के पीछे ही झाड़ियों में उस नौकर की लाश को फेंक दिया था जो केडिया परिवार का ३० बरस पुराना वफादार मुलाजिम था ! लाश दिलहरण ठाकुर की थी जो शहर से करीब २० किलोमीटर दूर सीपत के पास का रहने वाला था,लाश को झाड़ियों के बीच से निकलवाकर पंचनामा करवाई में जुटी पुलिस के आला अधिकारी घर में बिखरे सामान और हर कमरों की तलाशी में जुटे थे ! हर कदम पर सुराग तलाशती पुलिस को इसी दौरान ये पता चला की घर का दुसरा नौकर जो करीब १५ दिन पहले ही आया है वो गायब है,ये सुचना पुलिस के लिए राहत देने वाली थी ! फरार नौकर कृष्णा यादव की तलाश में पुलिस की एक टीम तत्काल मोपका और उसके संभावित ठिकानों की ओर निकल पड़ी ! इधर व्यवसाई परिवार का ५ अगस्त से शहर के बाहर होना और नए नौकर का सुनियोजित तरीके से क़त्ल कर देना सबको हैरत में डालता रहा ! विवेचना के दौरान पुलिस ने सम्भावना जाहिर की कि कातिल एक नही कई है और नए नौकर के साथ मिलकर लूट कि बड़ी वारदात को अंजाम देना चाहते थे चूँकि दिलहरण ने विरोध किया इस कारण मार दिया गया होगा ! तमाम संभावनाओ पर तफ्तीश करती पुलिस काफी परेशान नजर आई ! पुराना हाईकोर्ट के पास कहे या फिर एक प्रतिष्टित समाचार पत्र के दफ्तर के करीब रिहायशी मकान में क़त्ल हुआ,फिर लाश को घर के पीछे ले जाकर झाड़ियों में छिपा दिया गया और बड़ी ही सफाई से कातिल मौके से फरार भी हो गए जबकि चंद कदमो की दूरी पर यानी गांधी चौक पर खाकी रात्री गश्त का दावा करती है ! ऐसे में कई सवाल खाकी की रात्री गश्त पर भी खड़े करती है ! पर जवाब मांगने वाला कोई नही है इसी कारण दास्ताने जुर्म की इबारतो में इजाफा हो रहा है !
क़त्ल जैसी संगीन वारदात की तफ्तीश में जुटी पुलिस कृष्णा की तलाश में भटक ही रही थी की शाम होते-होते सिविल लाइन इलाके के मिनोचा कालोनी में एक व्यवसाई के घर तीन युवक जनगणना अधिकारी बनकर पहुँच जाते है,घर में अकेली महिला उनकी बातो में आकर घर का दरवाजा जैसे ही खोलती है वो महिला की आँख में मिर्च पावडर डालकर लूट की कोशिश में जुट जाते है ! आँख में पड़े मिर्च पावडर की वजह से व्यवसाई की पत्नी लक्ष्मी मोटवानी जोर-जोर से चिलाने लगती है जिसकी चिल्लाहट सुनकर पड़ोस के लोग उसके घर की ओर पहुचने लगते है ! लोगो को घर की ओर आता देख तीनो लुटेरे बाउंड्री वाल कूदकर भाग जाते है,इधर खौफ से थर्राती लक्ष्मी जब तक घरवालो को सूचना देकर बुलाती,जब तक मोटवानी परिवार जुर्म की रिपोर्ट लिखवाने सिविल लाइन थाने पहुँचती तब-तक आरोपी पुलिस की गिरफ्त से दूर जा चुके थे हालांकि पुलिस आरोपियों को जल्द से जल्द सलाखों के पीछे डाल देने का दावा कर रही है ! सवाल ये खड़ा होता है की जिस वक्त मोटवानी परिवार के घर में लूट की नियत से तीन आरोपी घुसे उस वक्त शाम के ४ बज रहे थे,यक़ीनन वारदात का वक्त आरोपियों की बेखौफियत का प्रमाण देती है वही उनको ये जानकारी भी थी कि शाम चार बजे घर में महिला अकेली होती है...खैर ऍसी कई वारदाते है जिन्होंने पुलिस कि कार्यशैली और उनकी सक्रियता के साथ-साथ उनके मजबूत सूचना तंत्र की गवाही दी है ! आज के हालत बयान करते है की अपराधियों के बूटो की धमक से जनता खौफ के साए में जी रही है और गरीब मजलूमों पर क़ानून का पट्टा बरसाने वाले दबंग चैन की नीद सो रहे है ! बढ़ते जरायम को देखकर यक़ीनन कहा जा सकता है आने वाले समय में रास्तो पर चेहरों पर चेहरा लगाए दहशतगर्द घूमते नजर आयेंगे और आम जनमानस घरो में दुबककर घर की रखवाली करती जान बचाने की कोशिश में जुटी रहेगी ! दास्ताने जुर्म के पन्नो पर अब भी कई अनसुलझे मामले है जिनकी तफ्तीश पुलिस कर रही है !
प्रमुख बड़ी वारदातें
> 16 मई 2010 : मिनोचा कालोनी में जूता व्यवसायी प्रकाश मोटवानी के घर 10 नकाबपोशों ने 111 तोला सोना और 3 लाख नगद सहित 25 लाख की डकैती डाली।
> 14 फरवरी 2010 : छठघाट में पुजारी चंद्रमौली उदासीन उर्फ खड़ेश्वरी बाबा से मारकर दो लाख की लूट।
> 18 मार्च 2010 : दोपहर को जबड़ापारा में बाइक सवार सतानंद से 3 लाख रुपए की लूट
> 14 जुलाई 2010 : गुरु विहार में रिटायर्ड एसईसीएल कर्मी एनएन गायन के मकान में दिनदहाड़े 3 लाख की डकैती।
गुनाह के खुनी पंजो की एक करतूत की खब़र सोमवार की सुबह कोतवाली पुलिस को लगती है ! पुलिस को बताया जाता है की बिहारी टाकिज के पास रहने वाले मशहूर तेंदुपत्ता व्यापारी जगदीश केडिया के घर में कुछ लोगो ने क़त्ल कर डकैती की कोशिश की है ! बड़े व्यापारी के घर में क़त्ल और डकैती की खब़र से खाकी के माथे पर परेशानी की सलवटो के बीच पसीना बहना शुरू हो जाता है ! आनन्-फानन में कोतवाल समेत कई थानों के पुलिस वाले मौका -ए -वारदात पर पहुँच जाते है,इधर एक के बाद एक अधिकारियों की आवाजाही से इलाके के लोग और राहगीर वारदात की गंभीरता से वाकिफ होने लगते है ! मौके पर तफ्तीश में जुटी पुलिस को घर में सबसे पहले एक बिस्तर नजर आता है जो खून के रंग से भीगा हुआ था ! बिस्तर और जमीन पर बिखरे खून से रंगे घर की बिल्ली के पग चिन्ह पुलिस को उस ठिकाने तक पहुंचा देते है जहां कातिलो ने क़त्ल के बाद लाश फेंक दी थी ! कातिलो ने घर के पीछे ही झाड़ियों में उस नौकर की लाश को फेंक दिया था जो केडिया परिवार का ३० बरस पुराना वफादार मुलाजिम था ! लाश दिलहरण ठाकुर की थी जो शहर से करीब २० किलोमीटर दूर सीपत के पास का रहने वाला था,लाश को झाड़ियों के बीच से निकलवाकर पंचनामा करवाई में जुटी पुलिस के आला अधिकारी घर में बिखरे सामान और हर कमरों की तलाशी में जुटे थे ! हर कदम पर सुराग तलाशती पुलिस को इसी दौरान ये पता चला की घर का दुसरा नौकर जो करीब १५ दिन पहले ही आया है वो गायब है,ये सुचना पुलिस के लिए राहत देने वाली थी ! फरार नौकर कृष्णा यादव की तलाश में पुलिस की एक टीम तत्काल मोपका और उसके संभावित ठिकानों की ओर निकल पड़ी ! इधर व्यवसाई परिवार का ५ अगस्त से शहर के बाहर होना और नए नौकर का सुनियोजित तरीके से क़त्ल कर देना सबको हैरत में डालता रहा ! विवेचना के दौरान पुलिस ने सम्भावना जाहिर की कि कातिल एक नही कई है और नए नौकर के साथ मिलकर लूट कि बड़ी वारदात को अंजाम देना चाहते थे चूँकि दिलहरण ने विरोध किया इस कारण मार दिया गया होगा ! तमाम संभावनाओ पर तफ्तीश करती पुलिस काफी परेशान नजर आई ! पुराना हाईकोर्ट के पास कहे या फिर एक प्रतिष्टित समाचार पत्र के दफ्तर के करीब रिहायशी मकान में क़त्ल हुआ,फिर लाश को घर के पीछे ले जाकर झाड़ियों में छिपा दिया गया और बड़ी ही सफाई से कातिल मौके से फरार भी हो गए जबकि चंद कदमो की दूरी पर यानी गांधी चौक पर खाकी रात्री गश्त का दावा करती है ! ऐसे में कई सवाल खाकी की रात्री गश्त पर भी खड़े करती है ! पर जवाब मांगने वाला कोई नही है इसी कारण दास्ताने जुर्म की इबारतो में इजाफा हो रहा है !
क़त्ल जैसी संगीन वारदात की तफ्तीश में जुटी पुलिस कृष्णा की तलाश में भटक ही रही थी की शाम होते-होते सिविल लाइन इलाके के मिनोचा कालोनी में एक व्यवसाई के घर तीन युवक जनगणना अधिकारी बनकर पहुँच जाते है,घर में अकेली महिला उनकी बातो में आकर घर का दरवाजा जैसे ही खोलती है वो महिला की आँख में मिर्च पावडर डालकर लूट की कोशिश में जुट जाते है ! आँख में पड़े मिर्च पावडर की वजह से व्यवसाई की पत्नी लक्ष्मी मोटवानी जोर-जोर से चिलाने लगती है जिसकी चिल्लाहट सुनकर पड़ोस के लोग उसके घर की ओर पहुचने लगते है ! लोगो को घर की ओर आता देख तीनो लुटेरे बाउंड्री वाल कूदकर भाग जाते है,इधर खौफ से थर्राती लक्ष्मी जब तक घरवालो को सूचना देकर बुलाती,जब तक मोटवानी परिवार जुर्म की रिपोर्ट लिखवाने सिविल लाइन थाने पहुँचती तब-तक आरोपी पुलिस की गिरफ्त से दूर जा चुके थे हालांकि पुलिस आरोपियों को जल्द से जल्द सलाखों के पीछे डाल देने का दावा कर रही है ! सवाल ये खड़ा होता है की जिस वक्त मोटवानी परिवार के घर में लूट की नियत से तीन आरोपी घुसे उस वक्त शाम के ४ बज रहे थे,यक़ीनन वारदात का वक्त आरोपियों की बेखौफियत का प्रमाण देती है वही उनको ये जानकारी भी थी कि शाम चार बजे घर में महिला अकेली होती है...खैर ऍसी कई वारदाते है जिन्होंने पुलिस कि कार्यशैली और उनकी सक्रियता के साथ-साथ उनके मजबूत सूचना तंत्र की गवाही दी है ! आज के हालत बयान करते है की अपराधियों के बूटो की धमक से जनता खौफ के साए में जी रही है और गरीब मजलूमों पर क़ानून का पट्टा बरसाने वाले दबंग चैन की नीद सो रहे है ! बढ़ते जरायम को देखकर यक़ीनन कहा जा सकता है आने वाले समय में रास्तो पर चेहरों पर चेहरा लगाए दहशतगर्द घूमते नजर आयेंगे और आम जनमानस घरो में दुबककर घर की रखवाली करती जान बचाने की कोशिश में जुटी रहेगी ! दास्ताने जुर्म के पन्नो पर अब भी कई अनसुलझे मामले है जिनकी तफ्तीश पुलिस कर रही है !
प्रमुख बड़ी वारदातें
> 16 मई 2010 : मिनोचा कालोनी में जूता व्यवसायी प्रकाश मोटवानी के घर 10 नकाबपोशों ने 111 तोला सोना और 3 लाख नगद सहित 25 लाख की डकैती डाली।
> 14 फरवरी 2010 : छठघाट में पुजारी चंद्रमौली उदासीन उर्फ खड़ेश्वरी बाबा से मारकर दो लाख की लूट।
> 18 मार्च 2010 : दोपहर को जबड़ापारा में बाइक सवार सतानंद से 3 लाख रुपए की लूट
> 14 जुलाई 2010 : गुरु विहार में रिटायर्ड एसईसीएल कर्मी एनएन गायन के मकान में दिनदहाड़े 3 लाख की डकैती।
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