Friday, 9 December 2011

आशिकी में वर्दी...!

" इश्क नचाये जिसको यार वो फिर नाचे बीच बाज़ार"......"ये जो मोहब्बत है ये उनका है काम महबूब का जो लेते हुए नाम मर जाएँ मिट जाएँ हो जाएँ बदनाम".........शायर की ये लाइने उन आशिको के लिए जीवन में आदर्श का काम करती है जो सच में महबूबा की ख्वाहिश पूरी करने किसी भी राह,किसी भी हद तक चले जाते है ! कोरबा जिले की उरगा चौकी के बरबसपुर गाँव में रहने वाला प्रकाश भी अपनी महबूबा के लिए कुछ करने की ख़वाहिश रखता था.....वो चाहता था हर उस चीज को हासिल करना जो उसकी महबूबा को पसंद थी....प्रकाश किसी भी हद तक जाने को तैयार था,उसे सिर्फ उस महबूबा की चाह थी जिसने प्रकाश को कभी कुछ कर के दिखने की नसीहत दे डाली थी....कुछ बन जाने का जूनून था या फिर जल्दी कुछ कर जाने की तम्मन्ना,प्रकाश ने मोहब्बत हासिल करने के लिए शार्ट-कट ले लिया........जिन्दगी में जल्दी कुछ कर गुजरने की तम्मन्ना में प्रकाश ने जिस रास्ते पर चलना शुरू किया उसकी मंजिल जेल की चाहर दीवारी होगी ये आभास नही रहा होगा.....प्रकाश महबूबा की चाह में उस वर्दी को बाजार से खरीद लाया जिसे क़ानून के रखवाले काफी मशक्कत के बाद शपथ लेकर पहनते है.....जी हाँ प्रकाश ने चाँद रुपयों में बाजार से छत्तीसगढ़ पुलिस की वर्दी खरीद ली.....खाकी को पहनकर प्रकाश ने पहले तो अकेले ही लूट-पाट की ,बाद में गिरोह बन गया जिसमे तीन और युवको ने अपराध से रिश्ता बनाने की शपथ ले ली.....क़ानून की आँखों में धूल झोंककर अपराध की लम्बी सड़क पर प्रकाश और उसके साथी दौड़ लगाते रहे....इधर महबूबा को प्रकाश के पैर पर खड़े होने का इन्तजार था जो इन्तहा होने के बाद किसी दुसरे के नसीब में चला गया.....बेख़ौफ़ दौड़ लगाते प्रकाश को पता ही नही चला की उसकी मंजिल पास चुकी है....कई बरस के इन्तेजार ने महबूबा को किसी और की तकदीर का हिस्सा बना दिया और प्रकाश क़ानून के शिकंजे में फंस गया...जिले की उरगा चौकी में किसी ने प्रकाश और उसके साथियों की करतूतों का खुलासा कर दिया....क़ानून ने अपना जाल बिछाया तो प्रकाश और उसके दो और साथी पकड़ में आ गए....पुलिस ने वो वर्दी भी जब्त कर ली है जिसे पहनकर प्रकाश खुद को असली पुलिस वाला बताता रहा....
                                  क़ानून की गिरफ्त में आया प्रकाश अब कुछ और ही कहानी कहता है,उसने बताया की कभी वर्दी खरीदकर कुछ कर गुजरने का इरादा था मगर महबूबा की शादी के बाद से खुद का घर भी बसा लिया और वर्दी को घर के भीतर एक पेटी में बंद करके रख दिया था.....प्रकाश के मुताबिक़ वो काफी लंबे समय से वर्दी की आड़ में लूट-खसोट का काम नही कर रहा था....खैर अब प्रकाश और उसके साथी कोरबा जेल में है,पुलिस ने न्यालय में पुख्ता साबुत पेश करने का दावा किया है ताकि वर्दी पहनकर फिर कोई बदमिजाज आशिक क़ानून का माखौल ना उड़ा सके !   

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