Tuesday 7 February 2012

मगर ट्रेन पैसेंजर थी !

टरियों पर दौड़ती उस ट्रेन में मासूम की चीख-पुकार को सुनने वाला कोई नही था ! सफ़र लम्बा नही था,मगर ट्रेन पैसेंजर थी...! लिहाजा उस दरिन्दे ने १३ साल की मासूम को अपनी हवस का शिकार बनाना चाहा ! कोरबा से गेवरा की ओर बढ़ रही उस पैसेंजर ट्रेन में चंद लोगो की मौजूदगी भी उस शैतान को नही डरा सकी,तभी तो उसने अपनी नाती की उम्र की एक मासूम को अपनी हवस का शिकार बनाना चाहा ! 
                                         बिलासपुर से गेवरा के लिए रविवार ५ फरवरी को निकली पैसेंजर ट्रेन में सरंग्बुन्दिया से रामदयाल केंवट नाम का एक हैवान सवार हुआ ! इंसान की शक्ल में उस भेडिये के साथ १३ साल की एक मासूम बच्ची भी थी जिसे कोई भी देखकर कह सकता था की कोई इंसान अपनी बेटी या फिर नतनी के साथ सफ़र के लिए निकला है ! जैसे - जैसे पैसेंजर ट्रेन गेवरा की ओर बढ़ रही थी उसमे बैठे यात्रियों की संख्या भी कम होती जा रही थी ! कोरबा पहुंचते-पहुँचते वो पैसेंजर ट्रेन खाली हो चुकी थी ! मौके की ताक में सफ़र पर निकले रामदयाल ने १३ साल की पिंकी {बदला हुआ नाम}को छूना-छाना शुरू किया,उस मासूम को जब लगा की वो जिस परिचित व्यक्ति के साथ जा रही है वो उसे बदनीयती से देख रहा है तो उसने शोर मचाना शुरू किया ! खाली  पैसेंजर ट्रेन की बोगी में काफी देर तक वो शैतान पिंकी की कमजोर कलाइयो को मरोड़कर उसे अपनी आगोश में लेने की कोशिश करता रहा ! इस बीच  पैसेंजर ट्रेन की मंजील करीब आती जा रही थी या ये कह ले की पिंकी की मासूमियत पर ऊपर वाले की नजर थी...! काफी देर तक अनाचार की कोशिशे करने वाला रामदयाल जब थक गया तो उसने चलती  पैसेंजर ट्रेन से पिंकी को नीचे फेंक दिया !  पैसेंजर ट्रेन के गुजर जाने के बाद कुछ लोगो की नजर पिंकी पर पड़ी जो ट्रेक के किनारे पड़ी दर्द से चीख रही थी,लोगो की मदद ने पिंकी को जिला अस्पताल पहुंचा दिया जहां उसकी हालत अब ठीक है लेकिन दिलो-दिमाग पर वासना की पड़ी परछाई और मासूमियत को रौंदने की कोशिश करने वाले की घिनोनी सूरत घर कर गई है ! वक्त के साथ भले ही जख्म भर जाएँ मगर दिमाग के किसी ना किसी कोने में शैतान की सूरत घुमती रहेगी !
                              
                                       बाप ने बेचा- पिंकी को  पैसेंजर ट्रेन से फेंक दिए जाने के बाद दुसरे दिन उसका पिता रामाधार उसे देखने अस्पताल पहुंचा,इस दौरान पिंकी की दो बड़ी बहने भी साथ थी जिन्होंने बताया की उनके पिता ने ही पिंकी को रामदयाल के साथ भेजा था ! बताया जा रहा है की पिंकी के बाप को रुपयों की हवस है और उसी भूख को मिटाने की खातिर उसने मासूम को अपने पडोसी दरिन्दे के साथ बहाने से भेज दिया था !
        
                                   आदतन अपराधी है- मासूम के साथ अनाचार करने में नाकाम रामदयाल फिलहाल जी.आर.पी.की गिरफ्त में है  ! उरगा पोलिसे ने रामदयाल को चाम्पा के पास से दो दिन बाद गिरफ्तार कर लिया ! पोलिसे रिकार्ड के मुताबिक रामदयाल आदतन आरोपी है,पोलिसे ने छेड़-छाड़-मारपीट-हथियार रखने और कई गंभीर मामलो में पहले भी रामदयाल को गिरफ्तार किया है ! रामदयाल मासूम की अस्मत लूटने के मामले में जेल की हवा खा रहा है ! पिंकी फिलहाल जिला अस्पताल के बिस्तर पर ठीक होने के इन्तजार उस वक्त को कोस रही है जब वो अपने पिता के कहने पर रामदयाल जैसे भेडिये के साथ  पैसेंजर ट्रेन में सवार हुई थी........!!! 

No comments:

Post a Comment